➤ लाहौल-स्पीति में ठंड चरम पर, झीलें-झरने जमे, तापमान माइनस में
➤ 13-14 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ, उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश-बर्फबारी के आसार
➤ 25 दिसंबर तक मौसम में उतार-चढ़ाव, कई जिलों में कोहरा और कुछ जगहों पर हल्की बारिश संभव
हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड तेजी से बढ़ रही है और लाहौल-स्पीति में ठंड का असर इतना बढ़ गया है कि झीलें और झरने जमकर बर्फ में तब्दील हो गए हैं। प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में इस सप्ताह मौसम बदलने के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 13 दिसंबर को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जो पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसका प्रभाव खासकर चंबा, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे जिलों में देखने को मिल सकता है।
गुरुवार को राजधानी शिमला सहित कई जिलों में धूप खिली रही, लेकिन तापमान में गिरावट का क्रम नहीं रुका। प्रदेश के 14 स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से कम दर्ज किया गया। लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी में -6.3 डिग्री, जबकि ताबो में -4.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मनाली-रोहतांग मार्ग पर स्थित राहनी नाला का झरना पूरी तरह बर्फ में बदल गया है, जो क्षेत्र में पड़े कड़ाके की ठंड का संकेत है।
मौसम विभाग का कहना है कि 14 दिसंबर को कई उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश हो सकती है। हालांकि, 15 दिसंबर से मौसम एक बार फिर साफ होने के आसार हैं। वहीं मैदानी और निचले इलाकों में 11 से 13 दिसंबर तक घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे यातायात पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
विभाग के अनुसार 19 से 25 दिसंबर के बीच मौसम में फिर बदलाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान निचले पहाड़ी जिलों में छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश, जबकि मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मध्यम बर्फबारी तक की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर का यह दूसरा पखवाड़ा प्रदेश में ठंड को और भी कड़ा कर सकता है।



